कोरोना को लेकर बिहार सरकार की ओर तमाम दावों की हकीकत उस वक्त सामने आ जाती है जब सूबे के सबसे बड़े अस्पताल यानी AIIMS की बदहाली एक मरीज की जुबानी सामने आती है…इसी बीच AIIMS में एक कोरोना मरीज ने छत से छलांग लगाकर खुदकुशी कर ली है…
जानकारी के मुताबिक, कोरोना मरीज को दो दिनों तक पीने के लिए पानी तक नहीं दिया गया..कोई देखभाल अंदर करने वाला नहीं है..मरीज दो दिनों तक गंदे बिस्तर पर लेटा रहा, लेकिन मौजूद कोई कर्मी ने मरीज के कपड़े को बदलना उचित नहीं समझा..
मरीज को बेड पर ही बाथरूम हो गई था, लेकिन उनके परिजन के आने तक उस गंदगी को नहीं हटाया गया था..और सबसे जो हैरान करने वाली बातें जो सामने आई है वो कि अस्पताल कर्मी मरीज के बेड को दोनों साइड पर्दो से ढ़क दिया था ताकि बगल वाला मरीज इन करतूतों पर ध्यान न दे…
ये तमाम बदहाली की तस्वीर उस वक्त उजागर हुई जब मरीज के परिजन अचानक अस्पताल में अपने पिता को देखने दाखिला ली.. हालांकि वो भी कोरोना मरीज ही हैं..
एक वीडियो जारी कर मरीज के परिजन जो खुद भी कोरोना पाज़िटिव हैं उन्होंने बताया कि वो अपने अपने पिता को दो दिन पहले अस्पताल में एडमिट करवा कर घर चली गई थीं..इसी बीच परिवार के और सदस्य का रिपोर्ट भी पाज़िटिव आ गया है… लेकिन अस्पताल प्रबंधन की ओर लगातार फोन जाने के बाद जब अपने पिता को देखने आई ,तो ये सब देखकर हैरान हो गए…
उन्होंने बताया कि जब तमाम बदहाली को संबंधित अस्पताल अधिकारी तक पहुंचाएं, तो उन्होंने मुझे ही डांट कर बोलने लगे की आप अंदर कैसे इंट्री ले ली… उन्होंने कहा है कि यदि अस्पतालों की हकीकत नहीं बदली, तो बिहार में कोरोना से कोहराम के लिए तैयार रहना होगा..
ब्यूरो रिपोर्ट, बिहार नाउ, पटना